“केमिस्ट्री और बॉटनी से ग्रेजुएशन की शिक्षा प्राप्त किए, सुमन पटेल की माना यह पहली पुस्तक है लेकिन इनकी काव्य में जो सौन्दर्य देखने को मिल रहा है उससे ऐसा लगता है जैसे इन्होंने हजारों ग्रन्थों की रचना कर रखी हो। इन्होंने ‘सिर्फ माँ’ पुस्तक में माँ के सच्चे और निर्मल रूप के साथ, उसकी वात्सल्यता का ऐसा अनुपम वर्णन किया है जो हृदय की गहराईयों को छूती हुई, बचपन की ओर रुख मोड़ देती है। हास्य के साथ, भक्ति, करूण और वात्सल्य रसों के समावेशों ने इसे अत्यंत आकर्षक बना दिया है।
‘सिर्फ माँ’ एक मार्मिक रचना होने के साथ-साथ ज्ञानप्रद, चरित्रों को निखारने तथा कर्तव्यों को निभाने की उत्सुकता प्रदान करती है। हृदय को भेधने वाली पंक्तियाँ का हर प्रसंग बड़ा रोचक और मनमोहक है।”
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