Thursday 11 April 2019

“Chetna Ke Barah Stambh” By Seema Singh

घनघोर बारिश  मैं बालकनी से बाहर का नज़ारा देखते हुए अचानक ख़याल आया अरे उस बुढ़िया  अम्माँ  का क्या हुआ होगा  जिसे स्कूल से आते समय देखा था जो सड़क किनारे छोटे से shade मैं बारिश की वोछारो से भीगती ठंड से काँप रही थी ..बारिश रुकते ही माँ का शाल उठा कर भाग कर अम्माँ को ओढ़ा आई….
15 साल की उम्र  की सच्ची घटना है . इस बात से किशोर उम्र पर लेखिका का पहला अँकुर निकला  ओर पहली कहानी बारिश  का जनम हो गया जो बीस साल पहले नवभारत पेपर  जबलपुर से प्रकाशित हो गई ..वक़्त के साथ साहित्य मंद गति से चलता रहा समय -समय पर साहित्य , कहानियाँ , लेख , हास्य व्यंग्य के रूप मैं प्रकाशित होता रहा  पर नदी की शांत गति की तरह  , लेखन मैं संतुष्टि , रचनात्मक का भाव था पर प्रकाशित करने की हिम्मत नहीं थी ..शुरुआत तो करनी थी . अपनो का साथ ,शब्दों पर विश्वास ओर प्रकाशक का सहयोग मिला .. प्रकाशन की ललक जाग उठी ओर छोटी सी कोशिश किताब बन गई ..        
प्रथम संकलन ओर प्रकाशन  हेतु .. शुभकामनाओं की आकांक्षी

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Website: http://seemasahitya.in

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