इस पृथ्वी पर हर व्यक्ति के मन में कोई न कोई जिज्ञासा ज़रूर होती है, और जो सबसे सामान्य जिज्ञासा है, वो है अपना भविष्य जानने की जिज्ञासा| अब ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को जो सबसे पहला नाम याद आता है वो है एक ज्योतिषी का, एक योग्य ज्योतिषी अपनी विद्या और ईश्वर की कृपा से उस व्यक्ति की जिज्ञासाओं के अनुरूप उसका भविष्य और समाधान बताता है| ज्योतिष विद्या कोई साधारण विद्या नहीं है| इसे कठोर परिश्रम, निरंतर अभ्यास और सच्ची लगन से प्राप्त किया जाता है| ज्योतिष विद्या क्या है? सिर्फ कुंडली देख कर किसी को कुछ भी बता देना ज्योतिष विद्या नहीं है| राशियों का ज्ञान, ग्रहों की चाल, भावों और नक्षत्रों की स्थिति की गणना करने बाद उनका सही आंकलन कर भविष्य के बारे में बताना ज्योतिष विद्या है| “ग्रहों का स्वाभाव और जीवन पर प्रभाव” इस पुस्तक में यही मार्गदर्शन देने की चेष्टा की गयी है| यह एक ज्योतिष के बार में आरंभिक ज्ञान पर आधारित पुस्तक है| जिससे उम्मीद है, नए विद्यार्थी ज्योतिष के क्षेत्र में लाभ उठा सकेंगे|
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