‘‘जीवन तरंगिणी‘‘ एक काव्य रचना है जिसमें प्रकृति के विभिन्न पहलुओं पर बहुत कवितायें लिखी गई हैं और जिनका मानव एवं समाज के जीवन से विशेष संबंध बताया गया है। भागीरथ से पूर्व और बाद का विवरण, गंगा का उद्गम, शिव, ब्रह्माजी आदि पर कुछ कवितायें हैं। गौतम बुद्ध, अशोक सम्राट पर बहुत सी कवितायें हैं। फिर जीवन में लौकिक विचारधारा और व्यवहार, भाषा कैसी हो, इस पर काफी कवितायें इस संग्रह में समाहित की गयी हैं। यदि देखा जाये तो इन्सान को प्रकृति और समाज से हर पल, हर वक्त कुछ न कुछ सीखने को मिलता है, इस विषय पर भी इस पुस्तक में बहुत कवितायें रखी गयी हैं।
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