कविता का शीर्षक ‘तलब‘
व्यक्ति की उस तीव्र
इच्छाओं को दर्शा रहा
है जिस पर रचयिता की
कविताएं आधारित हैं। ये हर उस
व्यक्ति से जुड़ी है
जिसको ज़िंदगी की अपरिहार्य चुनौतियां
और अनुचित हालातों का सामना करना
पड़ता है। किन्तु अनेक विपत्तियों से गुज़रने पर
भी वह आत्म-विश्वास
और सकारात्मक सोच को रख लक्ष्य
की ओर बढ़ने का
निर्णय लेता है। सवालों को करता हुआ
जवाब की तलाश जारी
रखता है।
रूपम साहू का जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में हुआ। झांसी के निकट एक छोटे से शहर बबीना में वो पली-बढ़ी। वह जीवंत, संवेदनशील लेकिन मजबूत युवा महिला हैं और एक चाय निर्यात कंपनी में सूक्ष्म जीवविज्ञानी ;डपबतवइपवसवहपेजद्ध के रूप में काम कर चुकी हैं। उनका जीवन के प्रति सकारात्मक नज़रिया है। कुछ समय पहले ही अपने खाली समय में उन्होंने चंद पंक्तियां लिखनी शुरु की जिसे उनके दोस्तों द्वारा सराहा गया। इनसे प्रेरित होकर उन्होंने कविता लिखनी शुरु की।
रूपम साहू का जन्म उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में हुआ। झांसी के निकट एक छोटे से शहर बबीना में वो पली-बढ़ी। वह जीवंत, संवेदनशील लेकिन मजबूत युवा महिला हैं और एक चाय निर्यात कंपनी में सूक्ष्म जीवविज्ञानी ;डपबतवइपवसवहपेजद्ध के रूप में काम कर चुकी हैं। उनका जीवन के प्रति सकारात्मक नज़रिया है। कुछ समय पहले ही अपने खाली समय में उन्होंने चंद पंक्तियां लिखनी शुरु की जिसे उनके दोस्तों द्वारा सराहा गया। इनसे प्रेरित होकर उन्होंने कविता लिखनी शुरु की।
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