यह फिल्मी स्टाइलिश उपन्यास है जो प्रेम पत्रों और गानों से भरपूर है । लेखिका की इस आत्मकथा में उसका पति शादी से पहले उससे बेहद प्यार करता था । शादी के बाद वह अचानक बदल कर अपने परिवार के साथ मिलकर उसे बहुत दुःख देता है । लेकिन वह हार नहीं मानती और लगातार दान – पुण्य तथा ईश्वर भक्ति करती रहती है ।…..जिससे प्रसन्न होकर ईश्वर प्रकट होते हैं और उसके जीवन को खुशियों से सराबोर कर देते हैं ।
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