विश्व के छोटे-छोटे देश जो भारत के जनसंख्या और क्षेत्रफल की तुलना मे नगण्य थे, आज समृद्ध और और पूर्ण विकसित हो चले। किन्तु,भारत इतनी बड़ी जनसंख्या,क्षेत्रफल और प्राकृतिक संपदाओ से पूर्ण होते हुए भी,विश्व के विकाशशील देशो मे शीर्षस्थ होने का तमगा लिए फ़ूले नही समा रहा।
मुझे चिंता इस बात की होती है कि,जहां आस्ट्रेलियाई और जापानी बच्चे देश के बेहतरी के लिए किशोरावस्था मे तकनीकी गुर सिख रहे होते है, वहीं भारत का युवा सिर्फ राजनैतिक स्वार्थ के लिए देश के भीतर धार्मिक कट्टरता फैलाने की तालीम सीखता है। और समय पड़ने पर देश की राजधानी दिल्ली से ही पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे बुलंद करने मे अपना बड़प्पन महसूस करता है
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