Sunday 19 May 2019

“Maa Mamta Tyag Aur Aansu” By Sanjay Pandey

माँ – बाप ईश्वर की वह अमूल्य रचना है जिसके, मात्र सर पर हाँथ फेर देने से सारी तकल़ीफे छू मंतर हो जाती है, उनके चूम लेने से चेहरे पर रौनक और गोद में लिपट जाने से स्वर्ग की अनुभूति होती है, तो क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है.. याद आ गई ना बचपन की सारी यादें ….! माँ का खिलाना, पढ़ाना, और पढ़ने जाने के लिए सुबह-सुबह उठा देना, वो लोरी, वो किस्से, जिसे सुने बिना कभी नींद ना आती थी, आह! क्या दिन थे वो, जब दुनियाँ की कोई जिम्मेदारी ना थी सर पर, एकदम बिंदास थे, है ना! जो चाहते वो करते, पहनते और थोड़ी सी जिद पर सबकुछ पा जाते! इसलिए हम माँ बाप के बिना इस जिंदगी को सोच भी नही सकते, पर आज कई माँ बाप अपने बच्चो के पास होकर भी दूर है और दूर होकर भी पास.जब हम छोटे थे तो माँ-बाप वो हर चीज करते जिससे हमें हर खुशी मिलती, पर क्या आज सच में सभी बच्चे माँ बाप की उस हर खुशी के लिए प्रयत्न करते है। जिसे उन्हें करना चाहिए थोड़ी कठिन है बताना ना और हम सोचने पर मजबूर हो जाते है कि क्यों आज इतने वृद्धाश्रम क्यो है जहाँ माँ बाप अनचाही जिंदगी जीने पर मजबूर होना पड़ता है या अपने घरो में ही बेगानों सा रहना पड़ता है।याद रखे जिंदगी में माँ बाप से बढ़कर कुछ नहीं है और वो खुषनसीव है जिनके पास माँ बाप है उनमें से मैं भी एक हु पर जिनके पास माँ बाप नहीं उनसे पूछे उनका महत्व। ये जिंदगी उन्ही का दिया हुआ है जो अपने हिस्से का निवाला खिला-खिलाकर बड़ा कर देते है तो क्या यह हमारा फ़र्ज नहीं कि हम उन्हे वो हर खुशी दे जो उन्होंने हमे दी है। आप मेरी कविताओ में खुद को ढुंढे और सोचे कि क्या हमने वो हर खुशी देने की कोशिश की है जिनके वो सच में हकदार है? अगर हाँ तो मुझे आप पर गर्व है और नही तो “जब जागो तभी सबेरा” और आज ही अपने माँ-बाप को एक खुशी जरूर दे जिससे उन्हें आपके साथ जुडे होने का एहसास और खुशी हो।मैं यह आशा और यकीन करता हूँ कि मैं मेरी कविता के माध्यम से आपको आपके माँ-बाप से जोड़ पाऊँगा और यदि हाँ, तो मेरी कविता का लिखना और आपका पढ़ना दोनो सार्थक हो जायेगा।आखिर में इतना ही कहूंगा कि अपने माँ बाप की सेवा करोेे, और देखो दुनियाँ की सारी कामयाबियाँ कैसे हमारे कदम चूमती है।
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Website: Author of " Ma,Mamta, Tyag aur Aansu "

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